Mental Health Insurance: क्या आपकी कंपनी आपको देती है मेंटल हेल्थ इंश्योरेंस? जान लें इसपर क्या है IRDAI के नियम
Mental Health Insurance: कॉरपोरेट कर्मचारियों के लिए ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस और हेल्थकेयर क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी Loop की एक ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत में तीन-चौथाई कंपनियां अपने कर्मचारियों को मेंटल हेल्थ कवर नहीं देती हैं.
(Image: freepik)
(Image: freepik)
Mental Health Insurance: प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को कंपनी की ओर से इंश्योरेंस पॉलिसी दी जाती है. लेकिन मेंटल हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर अभी भी कोई बदलाव नहीं देखने को मिला है. कॉरपोरेट कर्मचारियों के लिए ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस और हेल्थकेयर क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी Loop की एक ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत में तीन-चौथाई कंपनियां अपने कर्मचारियों को मेंटल हेल्थ कवर नहीं देती हैं.
4 में से 3 कंपनियां नहीं देतीं मेंटल हेल्थ कवर
“Corporate India’s Insurance Trap - The Glaring Gap in Employee Health Benefits’ नाम से जारी हुई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कोविड के बाद कंपनियों ने अपने हेल्थ बेनेफिट पैकेज में संशोधन किया है, लेकिन अभी भी चार में से तीन कंपनियां अपने पैकेज में मेंटल हेल्थ कवर नहीं करती हैं. WHO के आंकड़ों के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर मानिसक तनाव के बोझ में 15% हिस्सा भारत भी योगदान करता है. बड़ी संख्या में लोग मानसिक तनाव के पीछे काम और ऑफिस को बताते हैं, लेकिन कंपनी की ओर से उन्हें मानसिक सेहत को लेकर कोई सुरक्षा नहीं मिलती है.
ये भी पढ़ें: इंश्योरेंस सेक्टर में बढ़ेगा कॉम्पिटिशन! IRDAI और 20 कंपनियों को दे सकता है मंजूरी
IRDAI ने मेंटल हेल्थ को लेकर दिया था आदेश
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
भारत में बीमा नियामक इरडा (Insurance Regulatory and Development Authority of India) ने इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश दिया था कि सभी इंश्योरेंस पॉलिसी में मेंटल इलनेस को कवर किया जाएगा. इरडा ने एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि "MHC Act, 2017 के प्रावधानों के तहत सभी इंश्योरेंस प्रॉडक्ट मानसिक बीमारियों को कवर करेंगे. सभी बीमा कंपनियों से आग्रह है कि वो 31 अक्टूबर, 2022 से इस निर्देश का पालन करें."
MHC Act, 2017 या Mental Healthcare Act, 2017 के मुताबिक, हर बीमा कंपनी को मानसिक बीमारियों के इलाज के लिए वैसे ही कवरेज देना होगा, जैसे कि वो किसी भी शारीरिक बीमारी को कवर करते हैं.
ये भी पढ़ें: 50 लाख रुपए के सम एश्योर्ड के साथ मिलते हैं तमाम बेनिफिट्स, जानिए पोस्ट ऑफिस की इस इंश्योरेंस स्कीम के बारे में
विकलांग व्यक्तियों के लिए बीमा का आया था आदेश
इसी साल मार्च में दिल्ली हाईकोर्ट ने इरडा से कहा था कि वह बीमा कंपनियों से विकलांग व्यक्तियों के लिए पॉलिसी लाने को कहे. अदालत ने कहा था कि ऐसी बीमा पॉलिसी के परीक्षण के बाद उन्हें शीघ्रता से मंजूरी दी जानी चाहिए. न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि फरवरी में जारी इरडा के परिपत्र के बाद अब बीमा कंपनियों के लिए यह अनिवार्य है कि वे विकलांग व्यक्तियों के लिए पॉलिसी की पेशकश करें. न्यायमूर्ति सिंह ने पिछले साल नियामक को विकलांग व्यक्तियों के लिए उत्पादों को तैयार करने के लिए सभी बीमा कंपनियों की बैठक बुलाने का निर्देश दिया था.
अदालत विकलांगता से पीड़ित कुछ व्यक्तियों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने बीमा प्रदाताओं से स्वास्थ्य बीमा कवरेज की मांग की थी. अदालत ने मामले में शामिल तीन बीमा कंपनियों से कहा कि वे 15 मई तक इरडा के पास अपनी नीतियां जमा करें. इसके साथ ही नियामक से इसपर की गई कार्रवाई पर स्थिति रिपोर्ट देने को भी कहा.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
11:47 AM IST